tag:blogger.com,1999:blog-4933170775779781065.post4617173601622917746..comments2023-05-01T04:58:13.688-07:00Comments on नई डायरी : वर्चस्व,विस्तार और विकास की पूंजीवादी सोच एवं नैतिकता Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/14784589132415931335noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4933170775779781065.post-33678939438609157622015-01-14T06:36:33.422-08:002015-01-14T06:36:33.422-08:00अनस भाई, हमारे हर लम्हे में विकास की पूंजीवादी सो...अनस भाई, हमारे हर लम्हे में विकास की पूंजीवादी सोच हावी है। अपना इतना बड़ा लंबा चौड़ा जो लेख लिखा है, वह बहुत उम्दा तो है लेकिन धार्मिक हमलों की बात पर पहुंचते-पहुंचते पहुंचे हैं। क्यों हुसैन की पेंटिंग पर वह तबका एतराज करता है जो आज शार्ली एब्दो के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई दे रहा है। हालांकि मैं खुद उस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। लेकिन विकास के पापा और उनके पैरोकार किस मुंह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का रोना रोते हैं... हिन्दीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/07941990914773155980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4933170775779781065.post-70121556204139178282015-01-14T01:19:53.197-08:002015-01-14T01:19:53.197-08:00धार्मिक कट्टरता वहीँ से शुरू हो जाती है जब फ़र्ज़ी न...धार्मिक कट्टरता वहीँ से शुरू हो जाती है जब फ़र्ज़ी नास्तिकता का खोल ओढ़ कर धर्म की आड़ लेकर धर्म को गरियाया जाए. कुछ लोगों को इसमें महारत हासिल है. एकाध बार अपने धर्म को भी लताड़ लेंगे पर उसके दहाई के आंकड़े में दुसरे धर्म ख़ास तौर से इस्लाम को मुसलमानों के आड़ में गरियायेंगे. pk पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुछ और हो जाती है और शर्ली हेब्दो पर कुछ और...ऐसे लोग मानसिक रोगी होते हैं और इनका समाज में कोई जगह नहीं होना चाहिए. Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13610999178689623075noreply@blogger.com